उत्तराखंड का एक ऐसा मंदिर जो ग्रहण में नहीं होता है बंद…!

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चमोली: साल 2022 का अंतिम सूर्य ग्रहण आज 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को पड़ रहा है। इस सूर्यग्रहण के कारण दीपावली के बाद आने वाले त्योहार की तिथियां आगे बढ़ गई हैं। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण के दिन सभी प्रमुख मंदिर देवालयम के द्वार सूर्य ग्रहण खत्म होने तक बंद रखे जाते हैं। इसके अलावा मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दिन भोजन आदि खाद्य पदार्थों में भी तुलसी की पत्ती डालकर ही उन्हें ग्रहण करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह सूर्य ग्रहण मंगलवार तड़के 4:29 से शुरू हो जाएगा और शाम 5:22 तक रहेगा, इस पूरे अंतराल में प्रसिद्ध मंदिरों के कपाट शाम को 6:30 बजे तक नहीं खुलेंगे।

लेकिन उत्‍तराखंड का एक ऐसा भी मंदिर है जिसे ग्रहण के दौरान बंद नहीं किया जाता है। चमोली जिले के उर्गम घाटी में कल्पेश्वर तीर्थ एकमात्र ऐसा मंदिर है। जिसका कपाट किसी भी ग्रहण काल में बंद नहीं होता, यह परंपरा पौराणिक कल से सतत चली आ रही है। 24 घंटे यह मंदिर खुला रहता है और कभी भी इस मंदिर के गर्भगृह में ताला नहीं लगाया जाता है। मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव के जटा भाग होने के चलते ताला नहीं लगाया जाता है, क्योंकि शिव के जटाओं से गंगा को रोका जाता है। इसलिए ग्रहण काल में भी ये मंदिर खुला रहता है। कल्पनाथ प्रबंध समिति के सचिव रघुबीर सिंह नेगी का कहना है की शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान शिव ने जटाओं से मां गंगा को रोका था। इसलिए यहां कपाट बंद नहीं होते। समुद्र मंथन के दौरान यहीं पर देवताओं और दानवों की बैठक हुई थी। ग्रहण के दौरान आज भी कल्पेश्वर मंदिर बंद नहीं है।

25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के दिन बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धाम के मंदिर बंद किए गए हैं। पंचांग गणना के अनुसार 25 अक्टूबर मंगलवार प्रात: चार बजकर 26 मिनट से शाम पांच बजकर 32 मिनट ग्रहणकाल में मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण प्रारंभ 25 अक्टूबर 2022 को प्रात: 4 बजकर 26 मिनट पर रहा। ग्रहण से ठीक पहले मंदिर बंद कर दिए गए। पंचांग के अनुसार आज शाम 5 बजकर 32 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा। ग्रहण समाप्ति पश्चात मंदिरों में साफ सफाई कर शाम की पूजा और आरती संपन्‍न होंगी।

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