देहरादून: उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने पारे में उछाल को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में अगले चार दिन मौसम कड़ी परीक्षा ले सकता है। मैदानों में हीट स्ट्रोक का खतरा रहेगा। ज्यादातर इलाकों में पारे में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। जंगल की आग की घटनाएं बढ़ने और ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की आशंका है। इसे लेकर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
इस बीच मौसम विभाग ने 9 तारीख से लेकर 12 तारीख तक पर्वतीय जिलों में तापमान के सामान्य से बहुत अधिक रहने की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। बढ़ते पारे की वजह से फसलों और सब्जियों को भी भारी नुकसान हो सकता है। विभाग की ओर एडवाइजरी भी जारी की गई है।
इन दिनों मैदान से लेकर पहाड़ी इलाकों तक में चिलचिलाती धूप पसीने छुटा रही है। दिन में भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है। ज्यादातर इलाकों में पारा सामान्य से चार से सात डिग्री सेल्सियस अधिक बना हुआ है। मौसम विज्ञान के मुताबिक, अरब सागर से उठने वाले पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता धीमी होने के कारण फिलहाल बारिश के आसार कम हैं। अगले चार दिन में तापमान में अधिक बढ़त होने की आशंका है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, चम्पावत में संवेदनशील इलाकों में जंगल की आग विकराल हो सकती है। साथ ही ग्लेशियर तेजी से पिघलने से हिमस्खलन व नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो सकती है। इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
संबंधित जिलों के प्रशासन को एडवायजरी जारी करते हुए विभाग ने कहा है कि, इस दौरान वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में चौकसी बरती जाए और अन्य जिलों से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जाए। किसानों को इस दौरान फसल की नियमित सिंचाई की सलाह दी गई है। वहीं शनिवार को प्रदेश में मौसम पूरी तरह शुष्क रहेगा। दून में भी आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। पर्यटन, लोनिवि एवं पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जंगलों में लगी आग पर नियंत्रण के लिए ग्रामीणों से आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने वनों को बचाने में महिला मंगल दलों और स्वयं सहायता समूहों से भी सहयोग की अपील की है।