उत्तरकाशी: 12 मई 2022 को एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने वाली उत्तरकाशी की बेटी सविता कंसवाल एक बहादुर पर्वतारोही थी। सविता निम की सबसे बेहतर और हौसला बढ़ाने वाली प्रशिक्षक थी। चार बहनों में सबसे छोटी सविता ने अपने वृद्ध माता-पिता का मजबूत सहारा बनकर कई मंचों पर उन्हें सम्मान और पहचान भी दिलाई। उत्तरकाशी में एवलांच की चपेट में आने से सविता की भी मौत हो गई।
उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी ब्लाक स्थित ग्राम लौंथरू निवासी युवा पर्वतारोही सविता कंसवाल ने इसी वर्ष माउंट एवरेस्ट आरोहण के बाद 15 दिन के भीतर माउंट मकालू चोटी का भी सफल आरोहण किया। उन्होंने 12 मई 2022 को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया और 28 मई को माउंट मकालू (8463 मीटर) का सफल आरोहण किया।
इतने कम समय में दोनों पर्वतों का आरोहण कर सविता ने नया राष्ट्रीय रिकार्ड अपने नाम किया। वर्ष 2021 में एवरेस्ट मैसिफ अभियान के तहत सविता कंसवाल ने विश्व की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) का सफल आरोहण किया। माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली सविता भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही हैं।
सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थी। माता-पिता अपनी इस बेटी कोहिनूर की तरह मानते थे।
सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की। वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं।