कल 17 मार्च को होलिका दहन है। 18 को होली खेली जाएगी। होली अलग-अलग जगहों पर अलग अलग तरीके से मनाई जाती है। ऐसा ही एक अनोखा तरीका महाराष्ट्र के बीड जिले में होली के अपनाया जाता है। यहां होली के दिन दामाद को गधे पर बैठाकर घुमाया जाता है। खास बात यह है कि यहां इस तरह होली लगभग 80 सालों से भी ज्यादा समय से खेली जाती है। आइये जानते हैं ऐसा क्यों किया जाता है।
आमतौर पर दामाद जब ससुराल जाता है तो उसे खासा इज्जत दी जाती है। खारितदारी की जाती है लेकिन, महाराष्ट्र के बीड जिले में होली के दिन दामाद को गधे पर बिठाकर घुमाया जाता है। पहले दामाद को जमकर रंग लगाया जाता है और फिर उसके बाद उसे सब मिलकर गधे की सवारी कराते हैं औऱ फिर पूरे गांव में घुमाते हैं। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि लोग ऐसा क्यों करते हैं? तो आपको बता दें कि इसके पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 80 साल पहले जिले के येवता गांव में रहने वाले देशमुख परिवार के दामाद ने होली पर रंग लगवाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद लोगों ने फैसला किया कि उनके साथ होली तो जरूर खेलेंगे लेकिन अलग तरीके से। शख्स के ससुर ने एक गधा बुलाया और फिर उसे सजाकर पूरे गांव में घुमाया। इसके बाद से ये परंपरा शुरू हो गई। दामाद को होली पर रंग लगवाने के लिए इस रस्म को पूरा किया जाता है। जब दामाद गधे पर बैठकर गांव घूम लेता है तो उसके बाद उसकी जमकर खातिरदारी की जाती है।
दामाद को मिठाइयां और पकवान खिलाए जाते हैं। इतना ही नहीं दामाद को मन पसंद के कपड़े भी दिलवाए जाते हैं। कई बार तो गधे से उतार ससुर दामाद को सोने की अंगूठी भी देते हैं। अब इस गांव में यह रिवाज बन गया है और लोग बड़े मन से इसे निभाते हैं। कुछ दामाद तो डर के कारण भाग भी जाते हैं। लेकिन, लोग उन पर नजर रखते हैं और उन्हें होली पर गधे पर बिठाकर घुमाते हैं।