आज दीपावली का शुभ पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार एक प्रमुख पर्व है, जिसे हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर घरों को रोशनी और दीयों से सजाया जाता है, और सूर्यास्त के बाद धन की देवी माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं, और जिन घरों में साफ-सफाई और पूजा होती है, वहां निवास करती हैं।
दिवाली अमावस्या तिथि और लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:52 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे तक रहेगी। लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय प्रदोष काल में है, जो कि 31 अक्टूबर को शाम 5:36 बजे से लेकर 8:11 बजे तक होगा। इसी दिन वृषभ लग्न का भी शुभ समय शाम 6:25 बजे से रात 8:20 बजे तक रहेगा।
दिवाली लक्ष्मी पूजा विधि
दिवाली अंधकार पर प्रकाश की जीत का पर्व है। इस दिन घरों को दीयों और रंगोली से सजाया जाता है। लक्ष्मी पूजा के लिए ईशान कोण और उत्तर दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद स्वास्तिक बनाएं और उसके ऊपर चावल रखकर लाल वस्त्र बिछाएं। फिर लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल का छिड़काव करें। अंत में आरती करके घर के हर कोने में दीप जलाएं और सुख-समृद्धि का पर्व मनाएं।