हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है ।चैत्र मास की नवरात्रि इस बार मंगलवार, नौ अप्रैल को शुरू हो रही है और जबकि 17 अप्रैल को महानवमी के साथ इसका समापन होगा।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के दिनों नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने के साथ कलश स्थापना करने और विधि विधान से मां भगवती की आराधना करने से सुख-समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। घटस्थापना का पहला मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक।
नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान के दौरान वाहन का विशेष महत्व होता है। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रहीं हैं और हाथी पर सवार होकर माता रानी प्रस्थान करेंगी। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के घोड़े पर सवार होकर आने से प्राकृतिक आपदा की आशंका प्रबल होती है। इसके साथ ही सत्ता पक्ष में भी बदलाव देखने को मिलता है। जहां मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं तो वहीं प्रस्थान मां हाथी पर सवार होकर करेंगी। माता का हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ संकेत है। ये अच्छी बारिश, खुशहाली और तरक्की का संकेत देता है।
कलश स्थापना विधि
इस दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहने
पहले कलश को गंगा जल से भरें उसके मुख पर आम या अशोक की पत्तियां लगाएं और ऊपर नारियल रखें
कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें।
अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें. फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें
इसके बाद माता का स्वागत कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें
नौ दिनों तक मां दुर्गा के चमत्कारी मंत्रों का जाप करें
मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में रखें.
मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रतिदिन पानी का छिड़काव करें.