नई दिल्ली: उत्तराखंड से बड़ी खबर बीजेपी को लगा बड़ा झटका। बीजेपी के परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य व उनके पुत्र नैनीताल विधायक संजीव आर्य ने आज घर वापसी कर ली है। मंत्री यशपाल आर्य व उनके बेटे विधायक संजीव आर्य ने दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जो कि बीजेपी को एक बहुत बड़ा झटका है।
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उत्तराखंड में पिछले कुछ महीनों से दल-बदल का खेल चरम है। गढ़वाल मंडल से कांग्रेस विधायक राजकुमार व प्रीतम सिंह पवार के बाद कुमाऊं मंडल से निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा ने भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा जहां तमाम विधायकों को अपने पाले में कर राज्य में सियासी माहौल को अपने पक्ष में करने में जुटी है। वहीं कांग्रेस ने भी अंदरूनी स्तर पर भाजपा के बड़े नेताओं को अपने पाले में करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. राज्य के इस तरह के सियासी हालात से आने वाले समय में चुनाव बेहद दिलचस्प हो जाएंगे।
साल 2017 विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस के 9 बागी विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था। ऐसे में उत्तराखंड बीजेपी में 2022 चुनाव से पहले चल रही सियासी उथल-पुथल के बाद उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री और एक विधायक घर वापसी कर सकते हैं।
अब देखना होगा कि नैनीताल की पूर्व विधायक सरिता आर्या उस टाइम हरीश रावत के साथ डटी रही जिस टाइम कांग्रेस के विधायक बीजेपी में शामिल हुए और ऐसे में यशपाल आर्य के पुत्र नैनीताल से ही चुनाव लड़ेंगे तो सरिता आर्या कहां से चुनाव लड़ेगी यह बड़ा सवाल होगा कहीं कांग्रेस में भी ठीक चुनाव से पहले अंदरूनी कल है ना हो यह बड़ा सवाल होगा लेकिन यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने से जहां बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है वहीं कांग्रेस को 2022 में इसका फायदा मिलेगा।
अब देखना है कि बीजेपी इसके बाद क्या समीकरण है से बैठ आती है जिससे कांग्रेस को झटका लगे और 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की राह आसान हो यह देखने वाली बात होगी